भूख
एक शब्द
संवेदना की अतिशयोक्ति
या भावों का परम शिखर
जिसकी अभिव्यक्ति, शून्य
जो झंझोड़ता है अंतर्मन को।
फफकते रक्त की पिपासा
कुंठित कंठ की अभिलाषा
संकुचित भौहों की तड़प
या अधीर अधरो की भाषा
दो नन्हीं आंखों ने
दो नन्हें हाथों से
उदार उदर की उदारता से ग्रस्त
कीचड़ से लतपथ कचरे का स्थान
कुछ रोटी के टुकड़े
उस नन्हीं जिह्वा पर
हो रहे थे विराजमान
एक शब्द-
जिसने नकार दिया
वीभत्सता की उस पराकाष्ठा को
जिसने परिभाषित किया अपना विराट स्वरूप
भूख……..!