भूख और राम
अतड़ियों की ऐठन जब अपने पूरे उरूज पर होती है
मूक – बाधिर से भी रोटी और भूख पर चर्चा करवा लेती है
चौंक पड़ेंगे वो भी इक दिन अपने ही खस्ता हाल पे
हमारी तड़प देख जो सब्र करने को राम का नाम देते हैं
न राम गलत, न राम का नाम गलत, गलत तो वो हैं
जो भूख के निवारण के बदले आस्था कि रोटी देते हैं
राम रोटी का प्रयावाची नहीं, आत्मा पेट पर कभी काबिज नहीं
राम आत्मा का सार तो हो सकते है, राम भूखे का पेट भरते नहीं
~ सिद्धार्थ