Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2023 · 1 min read

भूखों को

भूखों को

भूखों को गेंहूँ की बाली दो मालिक।
आगे कर दी भीड़ लुटेरों की मालिक ॥

फ़क़त वोट पर ही हक़ है मज़दूरों का ।
जीत नाम तो महलों के कर दी मालिक।

मेरे अंदर एक मेमना डरता सा ।
उसके अंदर हिंसा हंटर की मालिक ॥

गाँवों को सुंदर चिड़या सा रूप दिया ।
शहरों को बाजों की नज़रें दी मालिक ॥

‘कौशल’ को कर दिया क़ैद दीवारों में ।
सूदखोर के घर है छत गिरवी मालिक ॥

Language: Hindi
1 Like · 170 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
When you remember me, it means that you have carried somethi
When you remember me, it means that you have carried somethi
पूर्वार्थ
समाज सेवक पुर्वज
समाज सेवक पुर्वज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आई अमावस घर को आई
आई अमावस घर को आई
Suryakant Dwivedi
*अलविदा तेईस*
*अलविदा तेईस*
Shashi kala vyas
माता - पिता
माता - पिता
Umender kumar
फकीर का बावरा मन
फकीर का बावरा मन
Dr. Upasana Pandey
तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सब तमाशा है ।
सब तमाशा है ।
Neelam Sharma
आके चाहे चले जाते, पर आ जाते बरसात में।
आके चाहे चले जाते, पर आ जाते बरसात में।
सत्य कुमार प्रेमी
15--🌸जानेवाले 🌸
15--🌸जानेवाले 🌸
Mahima shukla
कुएं का मेंढ़क
कुएं का मेंढ़क
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Rekha Drolia
I
I
Ranjeet kumar patre
کچھ متفررق اشعار
کچھ متفررق اشعار
अरशद रसूल बदायूंनी
चलो चुरा लें आज फिर,
चलो चुरा लें आज फिर,
sushil sarna
दूरियां अब सिमटती सब जा रही है।
दूरियां अब सिमटती सब जा रही है।
surenderpal vaidya
हे कृष्ण कई युग बीत गए तुम्हारे अवतरण हुए
हे कृष्ण कई युग बीत गए तुम्हारे अवतरण हुए
Saraswati Bajpai
उम्मीद
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
काजल
काजल
Neeraj Agarwal
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय प्रभात*
3161.*पूर्णिका*
3161.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"आशा"
Dr. Kishan tandon kranti
एक तरफ़ा मोहब्बत
एक तरफ़ा मोहब्बत
Madhuyanka Raj
आंगन को तरसता एक घर ....
आंगन को तरसता एक घर ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माँ की दुआ
माँ की दुआ
Anil chobisa
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 5 अप्रैल
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 5 अप्रैल
Ravi Prakash
എങ്ങനെ ഞാൻ മറക്കും.
എങ്ങനെ ഞാൻ മറക്കും.
Heera S
मुझको निभाना होगा अपना वचन
मुझको निभाना होगा अपना वचन
gurudeenverma198
Loading...