!!! भुला दिया तुमने !!!
!!! मुक्तक/क़त’अ !!!
1212/1122/1212/22(112)
मिरे वजूद को क्योंकर मिटा दिया तुमने,
वफ़ा-ए-उम्र को पल में भुला दिया तुमने,
अगर ख़ता थी मिरी कुछ तो तुम बता देते,
मिरी वफ़ा का ये कैसा सिला दिया तुमने।
दीपक “दीप” श्रीवास्तव
महाराष्ट्र