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15 Jun 2020 · 1 min read

भुलाया न गया

2122-1122-1122-22/112
मसअला इश्क़ का था सब को बताया न गया
राज़ गहरा था बहुत पर्दा उठाया न गया

जुर्म करने पे यकीनन ही सज़ा मिलती है
तेरे बोसे का निशां भी तो मिटाया न गया

तीर तो उनका निशाने पे न लगना था मगर
सामने आ ही गए ख़ुद को हटाया न गया

तेरे जाने से दुखी तो हूँ मगर क्या करता
ख़ुद को नज़रों में जियादा भी गिराया न गया

मेरी तकदीर में मिलकर ही बिछड़ जाना था
मेरी किस्मत का लिखा मुझसे मिटाया न गया

कोई आहट है न दिल में भी कोई दस्तक है
दूसरा उसके सिवा कोई बसाया न गया

उम्र भर साथ निभाने का किया था वादा
रिश्ता तुझसे भी हमारा ये निभाया न गया

कैसी ये बेबसी है देखिए ‘सागर’ मेरी
दर्द जिसने दिया है उसको भुलाया न गया
©️®️
सागर
हांसी,हरियाणा

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