भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
भीम राव हैं ,
तारणहार मेरा।
चुनौतियों को स्वीकारा जिसने,
छुआछूत को ललकारा जिसने,
चौदार तालाब में आंदोलन करके,
मुक्ति है दिलाया जिसने।
भीम राव हैं ,
तारणहार मेरा।
समानता समता देकर के सबको,
भाईचारा है बढ़ाया जिसने,
ऊँच नीच का भेद मिटा कर,
संविधान है बनाया जिसने।
भीम राव हैं ,
तारणहार मेरा।
दलित शोषितों को अधिकार दिलाकर्,
शासन सत्ता पर पहुँचाया,
शिक्षा का मार्ग दिखा कर,
सफल जीवन है बनाया जिसने।
भीम राव हैं ,
तारणहार मेरा।
संघर्ष को अपनाया उसने,
संगठित रहो बताया जिसने,
स्वाभिमान से जीना सिखाया जिसने,
इंसानियत की पहचान बताया जिसने।
भीम राव हैं ,
तारणहार मेरा।
बुद्ध की याद दिलाया जिसने,
मार्ग सफल है बताया उसने,
अपना कर धम्म हृदय से,
चैत्य भूमि मे जगाया सबको।
भीम राव हैं ,
तारणहार मेरा।
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।