भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद !
“ईमान बेच कर जो सियासी मंडी में, सत्ताधीशों को माई-बाप लिखते हैं
खबरों की उस मंडी को, इस कलिकाल का अभिशाप हम कहते हैं !”
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद ने विवादित बयान दिया ‘हम भारत बंद करना जानते हैं, तो जलाना भी जानते हैं। ‘
लेकिन ये सच नहीं है, ये बस उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर लोगों के बीच पहुंचाने की कोशिश मात्र है।
घटना और बयान किस तरह की थी जानने में मैं मदद करती हूँ।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक जन सभा को सम्बोधित करते हुए, चंद्रशेखर ने कई विषयों पे बोला जैसे कि अनसूचित जातियों पे हो रहे अत्याचार, आर्थिक आधार पे दिया गया दस फीसदी आरक्षण, बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का महागठबंधन जैसे ही कई मामलों पे उन्होंने बोला। उसी दौरान उन्होंने एक बात कही जिसे कुछ अक्चरों के हेरे-फेर से बिवादित बनाया गया मसलन ‘ये देश संविधान से चलता है । लेकिन इस देश के संविधान में हमारे लिए कई सारी व्यवस्था दी गई है। लेकिन कुछ लोग उसे पीछे से काटना चाहते हैं, मैं बस उन्हें बता देना चाहता हूँ कि ये जो भीड़ यहां खड़ी हुई है, बस ये चंद्रशेखर आज़ाद के इसारे का इंतजार कर रही है, अगर हम भारत बंद करना जानते हैं, तो भारत चलाना भी जानते हैं, हमारे सब्र का ज्यादा इम्तिहान न लिया जाए, एक सीमा होती है उत्पीड़न की, एक सीमा होती है किसी के जायज़ अधिकार को छीन लेने की। मैं गौर फ़रमाना चाहूँगा, 2 अप्रैल को हम लोग रोड पर आए अपने अधिकारों को बचाने के लिए।’ इसी में उन्होंने अनुसूचित जाती के लोगों से अपील की 2 अप्रैल के लिए लामबंद हों।
हाँ इस में भी कोई दो राय नहीं कि उन्होंने कुछ गालियों का प्रयोग भी किया,उस पर मैं कोई टिका-टिप्पणी नहीं करना चाहती। करूं भी कैसे जब देश के प्रधान और उनके सहकर्मियों को ही बोलने का सऊर पुरखे तक उल्ट देते हैं, तो किसी और को क्या कहा जाय।
पर जहां तक देश को जलाने की बात है उन्होंने कही ही नहीं, परन्तु कुछ पत्रकारों के कान आज कल ज्यादा सुस्त हो गए हैं या सत्ता के किरायेदार हो गए हैं मालिकों के आलावा सब आय-बाय बकते हैं उनके हीसाब से।…
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07-02-2019
(सिद्धार्थ)