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28 Jul 2021 · 1 min read

भीगी बिल्ली(बाल कविता)

बाल कविता : भीगी बिल्ली
“””””””””””””””””””””””””””””‘
भीगी जब बारिश में बिल्ली

एक तरफ को बैठी,

दुबक सिकुड़कर उसे देखकर

लगता जैसे ऐंठी ।

तभी देखकर चूहा

बिल्ली ने आवाज लगाई

बोली “हीटर देह सुखाने

मुझको ला दो भाई”।

चूहा बोला “सूख गईं तुम

तो दौड़ी आओगी

न बाबा न मुझे पकड़कर

झटपट खा जाओगी”।।
______________________________
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर 【उ.प्र.】
मोबाइल 9997615451

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