भिखारी
भिखारी
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कल सड़क पर
एक अधेड़ सा भिखारी
मुझसे टकराया,
मैनें हड़काया
उसने बड़े प्यार से
मुझे बरदाश्त किया।
भीख माँगने के राज का
धीरे से बखान किया,
आदरणीय
मैं असाधारण भिखारी हूँ
उस पार भी मेरा जलवा है
मैं यूँ ही यहाँ
भीख माँगने नहीं आया हूँ,
बल्कि वहाँ से भीख लेकर ही
सशर्त यहांँ आया हू्ँ।
मैं झुंझलाया
फिर खुद ही खुद को समझाया,
किसी तरह खुद पर काबू पाया।
तब बड़े प्यार से
उसने राजदार की तरह
मुझे असल बात बताया ।
ये राज की बात है साहब
इसका प्रचार मत करना।
भीख माँगना तो
बस महज बहाना है,
असल मकसद तो
प्रोटोकाल के हिसाब से
प्लेटफार्म तैयार करना है।
क्योंकि….
क्योंकि इमरान-बाजवा को
जल्द ही यहाँ भारत में
भीख माँगने आना है।
फिर मुझे यहांँ से
निकल जाना है।
?सुधीर श्रीवास्तव