भावभीनी श्रद्धांजलि
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माँ सरस्वती के सपूत ,महान कवि ,ओजस्वी वक्ता, प्रखर वाणी के धनी भूतपूर्व प्रधानमंत्री #माननीय_श्री_अटल_बिहारी_वाजपेयी_जी ने आज शाम १६ अगस्त २०१८ को शाम 05.05 बजे अंतिम सांस ली। ऐसे महान -वंदनीय – सम्माननीय अटल जी को #शब्दरूप_में_नम_आँखों_से_श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ !
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तुम अटल ज्ञान के संचालक,
तुझे भारत भूल न पायेंगा।
इतिहास बड़ा ही पुलकित है,
अब गाथा आपकी गायेगा।।
पर मेरा मन!
पर मेरा मन ये कहता है,
हम मार्ग वहीं अपनायेंगे।
जिस मार्ग चले थे आप अभी,
वह मार्ग ही चलते जायेंगे।
सब कहते हैं अब अटल नहीं,
मैं मान लू कैसे ….. बात सही।
अटल कभी ना मरते हैं,
जो अटल..अटल ही रहते हैं।
वह अटल विश्व का संचालक,
साहित्य जगत का अनुपालक।
वह पंच तत्व में समा गया,
देखो जग को वह रुला गया।
पर वादा करके आप गये,
जाऊंगा जाकर आऊंगा।
तुम मानो है यह अटल सत्य,
मूर्धन्य कवि कहलाऊंगा।
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✍✍पं.संजीव शुक्ल “सचिन”