Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2021 · 1 min read

भावना की तस्वीर

चेहरे की नहीं
आज मन के कैमरे में
तुम्हारी भावना की
तस्वीर उतारते हैं
तुम्हारे चेहरे के भाव और
तुम्हारी भावना का चेहरा
एक दूसरे से बिल्कुल
मेल नहीं खाते
एक जमीन है तो
दूसरा आसमान
एक दिन है तो
दूसरा रात
एक दोस्त है तो
दूसरा दुश्मन
एक अमीर है तो
दूसरा गरीब
अब दोनों में से पूरी तरह से
कौन क्या है
यह भेद मैं नहीं खोलूंगी
तुम क्या दिखाते हो और
क्या हो
बाहरी आवरण हटाओ तो
अंदर क्या छिपा है
यह सब रहस्य मैं किसी के
समक्ष नहीं खोलूंगी
मैं समझ गई हूं
मेरे प्रति तुम्हारे व्यवहार को
सौ फीसदी
एक आंख से दिखते
दिल से महसूस करते
बहते हुए पानी की तरह साफ
दृश्य की आत्मा सा
एक सच्चाई की कहीं भीतर जड़ें जमाते अस्तित्व की
गहराई की तरह
मेरे लिए बस यह सब
जानना पर्याप्त है
मैं नगर नगर
तुम्हारी असलियत के
नंगे चेहरे के रंगों का ढिंढोरा
नहीं पिटूंगी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
352 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
तुझे देखने को करता है मन
तुझे देखने को करता है मन
Rituraj shivem verma
2761. *पूर्णिका*
2761. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ना कोई संत, न भक्त, ना कोई ज्ञानी हूँ,
ना कोई संत, न भक्त, ना कोई ज्ञानी हूँ,
डी. के. निवातिया
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
हर खुशी पर फिर से पहरा हो गया।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
कृष्णकांत गुर्जर
मुसाफिर हो तुम भी
मुसाफिर हो तुम भी
Satish Srijan
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
ओसमणी साहू 'ओश'
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
वाह ! मेरा देश किधर जा रहा है ।
कृष्ण मलिक अम्बाला
श्री राम अयोध्या आए है
श्री राम अयोध्या आए है
जगदीश लववंशी
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
पथिक आओ ना
पथिक आओ ना
Rakesh Rastogi
रिहाई - ग़ज़ल
रिहाई - ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*कहते यद्यपि कर-कमल , गेंडे-जैसे हाथ
*कहते यद्यपि कर-कमल , गेंडे-जैसे हाथ
Ravi Prakash
शादीशुदा🤵👇
शादीशुदा🤵👇
डॉ० रोहित कौशिक
*हे!शारदे*
*हे!शारदे*
Dushyant Kumar
इंकलाब की मशाल
इंकलाब की मशाल
Shekhar Chandra Mitra
माता की चौकी
माता की चौकी
Sidhartha Mishra
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
Vivek Pandey
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
विमला महरिया मौज
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
🌹जिन्दगी के पहलू 🌹
🌹जिन्दगी के पहलू 🌹
Dr Shweta sood
गम ए हकीकी का कारण न पूछीय,
गम ए हकीकी का कारण न पूछीय,
Deepak Baweja
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
Rajesh vyas
श्रेष्ठता
श्रेष्ठता
Paras Nath Jha
6-जो सच का पैरोकार नहीं
6-जो सच का पैरोकार नहीं
Ajay Kumar Vimal
ख़ुद को यूं ही
ख़ुद को यूं ही
Dr fauzia Naseem shad
Loading...