भावनाएं
भावनाएं (Feeling’s)
ब्रम्हांण (universe) में जो भी संजीव(Realistic) है
उनमें भावनाएं(Feelings) विद्यमान(Available) है
हम बहुत ज्ञान देते हैं
*खुद को skilled बनाओं
*मेहनत करो मंजिल पाओ
*सपनों को साकार करो
*खुद को नम्बर वन बनाओं
*देश को आगे बढ़ाओ
*बहुत कुछ जीवन में करो
और ना जानें क्या क्या मनगढ़ंत बातें
हमारा संगीत हमारा नृत्य हमारा काम हमारा काव्य
हमारा व्यवहार या यूं कहें हमारी जीवन शैली ही भावनाओं से शुरू हो कर भावनाओं में खत्म होती है तो फिर क्यों…
*हम नहीं समझतें दूसरों की भावनाएं?
*हम नहीं बनातें कोई भावनात्मक शिक्षा का माहौल?
*हम भावनाओं को छुपाने में माहिर है?
*किसी की तारीफ में उसकी भावनाएं नहीं?
*किसी की पहचान में उसकी भावनाएं नहीं?
क्यूं क्यूं क्यूं ना जाने कितने क्यूं ????? भरे सवाल
शिव प्रताप लोधी