भालवीर
*** भालवीर ****
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कल तक था आम,
कोई न जानता नाम,
पल भर में तो देखो,
मचा दिया कोहराम।
माँ बाप का नगीना,
चौड़ा गर्व से है सीना
वो किसान का बेटा,
बहाया बहुत पसीना।
नीरज चोपड़ा हीरो,
फिल्मी हीरो हैजीरो,
रखेगी दुनिया याद,
तोड़ी जिसने जीरो।
रख मन में धीरज,
चूमकर वसुधा रज,
फेंक भाला बड़ा दूर,
चमका खूब नीरज।
खंडरा का है लाल,
कर दिया है कमाल,
दे ओलिंपिक गोल्ड,
ऊँचा है भारत भाल।
पानीपत का पानी,
याद दिला दी नानी,
हिंदुस्तान को मिली,
है सोने की निशानी।
ऐसा किया है काज,
समस्त विश्व में राज,
जगत में बजा डंका,
भारतवर्ष को नाज।
ऐसा फेंका है भाला,
हुई चारो ओर आला,
गाड़ा धरती में लठ,
युवा नीरज निराला।
भारत माँ का सपूत,
भगाया भय का भूत,
लहराई ऊँची पताका,
पदक रूपी दे सबूत,
सर्वजन की थी आस,
था सदियों से प्रयास,
मिटा दिया है सूखा,
बुझाई स्वर्णिम प्यास।
बन सर्वश्रेष्ठ भालवीर,
भू का सीना कर चीर,
देखा मुड़ कर न पीछे,
नीरज निडर शूरवीर।
मनसीरत गाये गाथा,
तनिक भी न शर्माता,
जनता सदैव है ऋणी,
ऊँचा कर दिया माथा।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)