भार्या
आज सुबह ही भार्या ने
मुझे कोसना शुरू किया
मेरा जॉब छुड़वा कर
जिंदगी को झंड है बनाया।
कम से कम चार पैसे
सदा मेरे हाथ रहते थे
कभी भी किसी चाहत
के लिए कहाँ तरसते थे।
मैंने कहा बस चार पैसे
की ही बात है न
मेरा तो पूरा एटीएम ही
तेरे पास बोलो है न।
परिश्रम से कमाता मैं हूँ
तुम बस खर्च करती हो
एक एक मांग के लिए
मुझे तुम ही तरसाती हो
मैं स्वयं सोचता हूँ
नाहक तेरा जॉब छुड़ाया
पड़ क्या करूँ देख नही
पा रहा था तेरा शरमाया।
निर्मेष सोचता हूं बेशक
क्या खोया क्या पाया
शांत मन से जब सोचता हूं
लगता है ठीक ही किया।