Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए

भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
जब जब मेरी चिंता बढ़े माँ सपने में आए
ये सभी वृद्धआश्रम आज लगभग रिक्त हो जाए
किसी औलाद की माँ बेघर न हो जाए
– शेखर सिंह

1 Like · 107 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
..
..
*प्रणय*
भिखारी का कटोरा(कहानी)
भिखारी का कटोरा(कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इक ही नहीं मुमकिन है ये के कई दफा निकले
इक ही नहीं मुमकिन है ये के कई दफा निकले
सिद्धार्थ गोरखपुरी
फिर एक समस्या
फिर एक समस्या
A🇨🇭maanush
आज कल ट्रेंड है रिश्ते बनने और छुटने का
आज कल ट्रेंड है रिश्ते बनने और छुटने का
पूर्वार्थ
हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां।
हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां।
Manisha Manjari
3243.*पूर्णिका*
3243.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परिवार
परिवार
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
अन्याय करने से ज्यादा बुरा है अन्याय सहना
अन्याय करने से ज्यादा बुरा है अन्याय सहना
Sonam Puneet Dubey
" सच "
Dr. Kishan tandon kranti
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
कवि दीपक बवेजा
गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,
गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,
Radha Bablu mishra
क्या हुआ की हम हार गए ।
क्या हुआ की हम हार गए ।
Ashwini sharma
*बाढ़*
*बाढ़*
Dr. Priya Gupta
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
गुरु पूर्णिमा का महत्व एवं गुरु पूजन
गुरु पूर्णिमा का महत्व एवं गुरु पूजन
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बालकों के जीवन में पुस्तकों का महत्व
बालकों के जीवन में पुस्तकों का महत्व
Lokesh Sharma
टूटे तारों से कुछ मांगों या ना मांगों,
टूटे तारों से कुछ मांगों या ना मांगों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हारे पथ के कांटे मैं पलकों से उठा लूंगा,
तुम्हारे पथ के कांटे मैं पलकों से उठा लूंगा,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी शान है
punam lata
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
Dr Manju Saini
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
Anamika Tiwari 'annpurna '
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
माँ
माँ
Neelam Sharma
नैन अपने यूँ ही न खोये है ।
नैन अपने यूँ ही न खोये है ।
Dr fauzia Naseem shad
सड़क
सड़क
SHAMA PARVEEN
नारी
नारी
Dr.Pratibha Prakash
चला गया
चला गया
Mahendra Narayan
*इतने दीपक चहुँ ओर जलें(मुक्तक)*
*इतने दीपक चहुँ ओर जलें(मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...