भारत
यह देश है अपना विश्व गुरु
होती है जहाँ से सभ्यता शुरु।।
जहाँ ऋषियों मुनियों का तप पनपा।
इस देश ने माना सबको अपना।।
जहाँ राम हुई रामायण थी।
गिरिधर की ललित लीलायें थी।।
जहाँ बुद्ध के भी उपदेश हुए,
और महावीर की वाणी थी।।
जिस देश की बौद्धिक शक्ति सम्पुर्ण विश्व ने मानी थी।
यह देश है अपना विश्व गुरु——–#
जीरो देकर जिसने चकित
किया वह आर्यभट्ट महान हुआ।
चरक धनवंतरि जैसे योगी थे
जिनसे आयुर्वेद का ज्ञान हुआ।।
जहाँ वेदो के भी स्वर गूंजे
और उपनिषदो की भाषा थी।।
कला ज्ञान विज्ञान जहाँ की
जगत की स्वर्णिम आशा थी।।
इस देश मे अगणित योद्धा थे ।
और ऋषी मुनी भी तप करते ,
वाल्मिक दाधिच जैसे ऋषी जहाँ वर्षो वर्षो तक
जप करते।।
यहाँ ऐसे ऐसे योद्धा थे जो काल पर भी हावी थे।
एक हाथ नही,एक आँख नही
वो राणा साँगा अस्सी घाव लिये हर शत्रु पर भारी थे।।
कट गये शर लड़ते लड़ते फिर भी धड़ ने हुँकार भरी।
पृथ्वीराज जैसे योद्धा थे जिसने गौरी की जान हरी।।
यह देश है अपना——
राणा प्रताप की बात हुई रोम रोम खिल जाता है ।
स्मरण कर लो एक बार जिन्हे मन गौरव से भर जाता है ।।
इनके साहस ने मुगलो की सेना को पुरा पाट दिया।।
यह ऐसे योद्धा थे जिसने बहलौल को घोड़े सहित ही काट दिया।।
यहाँ रहीम हुए रसखां हुए तुलसी जैसे महान हुए।
जहाँ नानक ने भी ज्ञान दिया।।
धर्म से परे देश ने सभी को मान दिया।।
जब बात स्वराज्य की आती है तो वीर शिवा की छाती है ।।
अपनी आस्मिता की खातिर जो समा गई थी अग्नी में ।
अब याद हमे ऐसे जौहरकुण्डो की आती है ।।
यह देश है——
यहाँ गांधी भी थे नेहरु भी और अस्फाकऊल्ला खान हुए।
भगत सिंह जैसे शेर युवा और शेखर से आजाद हुए।।
कब एक बालक नरेंद्र से विवेकानंद बन जाता है ।
एक छोटी सी गुड़िया मणी से,नाम याद लक्ष्मी बाई का आता है ।
लिखे गाथा गौरव की तो स्याही कम पड़ जायेगी ।
लेकिन अतुल्य भारत की गुण गाथा लिखी न जायेगी।।
बस आखिर मे करते है उन शहीदो को नमन
जिनके दम पर है आज देश मे चैन ओ अमन ।।
यह देश है अपना विश्व—–