भारत वंदना
अखण्ड भारत, सुर-सर तारक,
कण-कण शायद धारक, जग करे अर्चना,
अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठिलत करु कोना माँ अराधना ।
सप्तसिंधुनी, जंबूद्विपिनी,
विश्व वंदनी, धनधना,
अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठित करु कोना माँ अराधना ।
आर्यावर्ते, चित माँ हरते,
सद्खन कांति भरते, नित नूतना,
अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठित करु कोना माँ अराधना ।
विपुल धरणी, मात जननी,
विश्व दर्पणी, उर रंजना,
अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठित करु कोना माँ अराधना ।
मध्यदेश, छल न द्वेष,
हरति कलेश, जन-जना,
अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठित करु कोना माँ अराधना ।
भरतखंड, मात गंग,
जल तरंग, अति कंचना,
अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठित करु कोना माँ अराधना ।
देश हिंद, अखिल धरायारिन्दु,
सप्तसिंधु, सुनु वंदना,
अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठित करु कोना माँ अराधना ।
जतोऽ शिखर निर्झर, जलधि कल कल,
पवन शीतल, बहे चहुदिश रंजना,
अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठित करु कोना माँ अराधना ।
भारतवर्षम्, वंदेमातरम्,
वंदेमातरम्, सप्तनाम्ना,
अछि शब्द खंडित, वाणी कुंठित करु कोना माँ अराधना ।
उमा झा