भारत में महिलाओं की सुरक्षा
भारत में महिलाओं की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। आजकल महिलाओं के प्रति बढ़ते हुये अत्याचारों को देखकर देश की महिलाओं को बिल्कुल सुरक्षित नहीं माना जा सकता ।
आज महिला का हर रूप में शोषण हो रहा है चाहें वो माँ हो, बेटी हो, पत्नी हो, बहन हो या बहुत ही छोटी मासूम बच्ची ही क्यों न हो। भारत में महिला अपराध बढ़ते जा रहे हैं जैसे तेज़ाब फेंकना, यौन हिंसा, जबरदस्ती वेश्यावृति, अपहरण, ऑनर किलिंग, दहेज हत्या, बलात्कार, भ्रूण हत्या, मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न आदि। ये सब बातें आज आम हो गई हैं। कड़े नियम बनाने के बावजूद महिला अपराध घटने के बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं। महिलाएं हर जगह अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं।
इस माहौल को बदलने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं अपितु हर आम आदमी की भी है। ताकि महिलाएं अपना जीवन निडर होकर गर्व से जी सकें । महिलाओं को भी इन स्तिथियों से उबरने के लिये कुछ बातों का ध्यान रखना होगा क्योंकि सबसे बड़ी सुरक्षा तो अपने ही हाथ में होती है
1- किसी भी अनजान पुरुष के साथ अकेले में कहीं न जाएं। ऐसे हालात से खुद को दूर रखें।
2-अपने आप को कमजोर न समझे । चाहें वो मानसिक क्षमता हो या शारीरिक बल।
3- हर महिला को आत्म रक्षा की तकनीक सीखनी होगी। अपना मनोबल ऊँचा रखना होगा ताकि विपरीत परिस्तिथि में आपा न खोयें।
4-जरा सा भी आशंकित होने पर उसे अनदेखा न करें तुरंत ठोस कदम उठाएं ।
5- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इंटरनेट या सोशल साइट्स पर अनजान व्यक्ति से बात करते समय अपना कोई भी निजी विवरण न दें।
6-किसी स्तिथि में फंस जाने और तुरंत फोन में इमेरजेंसी नंबर पर फ़ौरन कॉल या व्हाट्सअप कर दें ।
7- किसी कैब में बैठते समय उसका no और डिटेल्स किसी रिश्तेदार कोभेज दें । ऐसा करते हुए देख ड्राइवर कुछ गलत करने से डरेगा ।
8-किसी अनजान शहर के होटल में रुकने से पहले वहां के स्टाफ से अपनी सुरक्षा सम्बन्धी सारी बात पहले ही सुनिश्चित कर लें ।
9- अपने साथ मिर्च स्प्रे का उपकरण रखें। या इसी तरह का कोई अन्य विकल्प रखें ।
10-अपनी बच्चियों को पड़ोस में या कहीं भी अकेले न भेजे न ही छोड़ें। उनका हर जगह चाहें वो घर ही क्यों न हो पूरा ध्यान रखें ।
सबसे बड़ी बात तो यही है कि अपनी सुरक्षा का खुद भी ख्याल रखें। सुरक्षा सम्बन्धी सारे नियम फोन नम्बर अपने पास रहें । सतर्क रहें सजग रहें। बाकी कानून तो महिलाओं के साथ है ही।
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद