भारत बंद ***** कभी नही
?9 अगस्त ..मैं साथ नही✍
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आये दलाल दंगा करवानें,
नही जाना .…..नही जाना !
दो अप्रैल में हमनें तुमको ,
अच्छे से पहचाना !
तुम ही विभिष्ण के भाई हो ,
तुम सुग्रीव सरीखे हो !
दुश्मन की गोदी में बैठे ,
दुश्मन से भी तीखे हो !
कितने अत्याचार हुए पर ,
चुप्पी ना तुमनें तोडी !
बहुजनों के न्याय के खातिर,
गर्दन तनिक ना ये मोडी!
अब अचानक बहुजनों की,
तुमको बहुत याद आयी है!
दिल कहता है तुम नही अपनें,
नीयत सबकी हरजाई है !
हम लड लेगें अपनी लडाई,
दूर रहो तुम दूर रहो !
मनुवाद के चमचे बनकर,
दुम दुबकाये पडे रहो!
रोज टूटती प्रतिमायें ,
संविधान निर्माता की !
तुम जैसे गद्दारों के भी,
थे उस भाग्य विधाता की!
कब तमनें चुप्पी तोडी है,
बहुजन अत्याचारों पर !
कब गरजे हो दुश्मन बन तुम,
बढे हुए दुर्र व्यवहारों पर !
अब अपनी कुर्सी के खातिर,
आन्दोलन करनें निकले हो !
बहुजनों को मूर्ख समझते ,
मसीहा बननें निकले हो !
हमें तुम्हारी नही जरूरत,
अपनी लडाई खुद लड लेगें,
संविधान की खातिर भी हम,
खुद ही आन्दोलन कर लेगें!
नौ अगस्त को भारत नही तुम,
बहुजन बंद करवाओगे !
पहले पिट वाओगे उनको,
फिर तुम ही छूट वाओगे !
मूलनिवासी दिवस उस दिन,
खुलकर खुशी मनायेगें!
लेकन दलालो के साथ हम,
हरगिज कभी ना जायेगें!
अरे दलालों कुर्सी खातिर तुम,
क्या …क्या सांग रचाओगे !
अपना कहकर अपनों को ही,
मिलकर तुम मर वाओगे !
“सागर” तुम जैसे दल्लो को,
सौ बार ग्लानि देता है !
जब चाहो कर लेना सामना,
खुली चुनौती देता है !!
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बैखोफ शायर/गीतकार/लेखक
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डाँ.नरेश कुमार सागर
***** राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
राष्ट्रीय दलित चेतना मंच
******प्रदेश अध्यक्ष
कलमकार संघ(M.S.P.)
9897907490