भारत के लोग
लोग ये
डरे-डरे!
जी रहे
मरे-मरे!!
ख़ून के
आंसू को
पी रहे
भरे-भरे!!
गिन रहे
सांसें बस
सेज पर
पड़े-पड़े!!
काम इनके
छोटे-छोटे
नाम लेकिन
बड़े-बड़े!!
बाहर से
सजे-धजे
भीतर से
सड़े-सड़े!!
आईने के
सामने
शर्म से
गड़े-गड़े!!
शाहों के
दरबार में
हाथ जोड़
खड़े-खड़े!!
कभी ना
बदलने की
ज़िद्द पर
अड़े-अड़े!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra