भारत के युगपुरुष वाक् सिपाही – अटल बिहारी वाजपाई
जो अपनी नियमों और लक्ष्यों को लेकर सेटल है।
देशहित ही जिसका दृष्टिपटल है।
जिसके रहते कोई अटकलें नही।
हरेक काम सफल है।
वही है अटल वही है सुशासन – ए – अव्वल
चाहे हो पोखरण परीक्षण।
या देशहित का सर्वेक्षण।
अमेरिका की चुनौतियों को नष्ट किए जो तत्क्षण
सरकारें आईं और गिरी।
पर गिरा न सका कोई उनके हौसले और उत्साह को।
गए जेल कभी तो हुए कभी बरी।
जिनका मस्तिष्क हो चंचल।
हो जिनका हृदय निश्चल।
जिनके विचार है सार्थक और प्रबल।
वही है अटल वही है सुशासन – ए – अव्वल
जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान।
नारा था जिनका लालबहादुर शास्त्री का था अभियान।
देश की संस्कृति और भाषा हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ में था जिसने छेड़ा।
देशविरोधियों को था जिसने संसद में धोया।
थी धधकती हुई प्रचंड शोला उनकी कविताओं की धार में।
किंचित नहीं भयभीत मैं जीत और हार में।
देश के गौरव भारतरत्न देश को विकसित किए जो प्रयत्न।
जो था निडर गंगा जल सा उज्ज्वल।
वही है अटल वही है सुशासन – ए – अव्वल
भावभीनी श्रद्धांजलि।
25जो अपनी नियमों और लक्ष्यों को लेकर सेटल है।
देशहित ही जिसका दृष्टिपटल है।
जिसके रहते कोई अटकलें नही।
हरेक काम सफल है।
वही है अटल वही है सुशासन – ए – अव्वल
चाहे हो पोखरण परीक्षण।
या देशहित का सर्वेक्षण।
सरकारें आईं और गिरी।
पर गिरा न सका कोई उनके हौसले और उत्साह को।
गए जेल कभी तो हुए कभी बरी।
जिनका मस्तिष्क हो चंचल।
हो जिनका हृदय निश्चल।
जिनके विचार है सार्थक और प्रबल।
वही है अटल वही है सुशासन – ए – अव्वल
जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान।
नारा था जिनका लालबहादुर शास्त्री का था अभियान।
देश की संस्कृति और भाषा हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ में था जिसने छेड़ा।
देशविरोधियों को था जिसने संसद में धोया।
थी धधकती हुई प्रचंड शोला उनकी कविताओं की धार में।
किंचित नहीं भयभीत मैं जीत और हार में।
देश के गौरव भारतरत्न देश को विकसित किए जो प्रयत्न।
जो था निडर गंगा जल सा उज्ज्वल।
वही है अटल वही है सुशासन – ए – अव्वल
RJ Anand prajapati
अटल बिहारी जयंती
25 दिसंबर 1924
अटल बिहारी वाजपेई।
🙏🙏🙏❣️❣️❣️