भारत की है शान तिरंगा
** गीतिका **
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फहराता है नील गगन में, भरता नव उत्साह।
भारत की है शान तिरंगा, महिमा की नहीं थाह।
खूब जगाता नित्य अहर्निश, मन में जोश उमंग।
इस हेतु सैनिक नहीं करते, प्राणों की परवाह।
हरपल आंधी तूफानों में, बढ़ती जाती शान।
कठिन समय में यही हमेशा, दिखलाता नव राह।
कर में थाम तिरंगा बढ़ते, गुंजाते जयघोष।
हर्षित हो कर कर्तव्यों का, करते हैं निर्वाह।
जान हथेली पर रखते हैं, भारत के जांबाज।
सबक सिखाने की दुश्मन को, बढ़ती हरपल चाह।
नयी उमंगें लेकर आया, स्वतंत्रता का पर्व।
अखिल विश्व की लगी हिंद पर, आशा भरी निगाह।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १६/०८/२०२३