भारत की विविधता त्यौहार
हर महीना साल का रंग अजब यहां दिखलाता,
त्योहारों से शुरू होता जो सफर वो आनन्द में रुक जाता
जहां पौष मास में पतंगों से यह आसमां सारा सज जाता,
वहीं माघ के आते आते पूरा जहां वसंत की हरियाली में छा जाता,
फागुन के माह में होली के रंग से हर कोई रंग जाता,
तो चैत्र में हर कोई नववर्ष के साथ नवदुर्गा का स्वागत करता,
वैशाख में अक्षय तृतीया से लेकर पूर्णिमा तक का हल्ला मचता,
तो जेठ माह में रमजान से लेकर विष्णु तक को पूजा जाता,
आषाढ़ मास में वर्षा , देवशयनी और जगन्नाथ जी का आगमन होता,
श्रावण में भाई बहन,तीज संग सोम का महत्व बढ़ जाता,
आता जब भादप्रद तो कृष्ण और गणेशा का आगमन धूम मचाता,
वही अश्विनी माह में दुर्गा पूजा का शोर चहुं ओर सुनाई देता,
कार्तिक मास में हर कोई दीवाली और ईद से महफ़िल सजाता,
तो मार्गशीष मास बड़े दिन का आगमन ले ईसाई संग हर धर्म में उत्साह जगाता,
विविधताओं के इस देश में हर माह विविधता के रंग से सज जाता,
तभी तो भारत की सभ्यता संस्कृति के आगे पूरा विश्व झुक जाता।