Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

भारत की पुकार

भारत की पुकार

जहाँ-जहाँ पे होगी खुदाई, वहीं पे मन्दिर निकलेगा।
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

गौरी, गजनी और बाबर ने जमकर भारत लूटा था,
आतंकी औरंगजेब के छल से सारा मन्दिर टूटा था।
जाग उठे हैं महाकाल अब, डम-डम डमरू बोलेगा।
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

युगों-युगों से करता प्रतीक्षा, नंदी बैठा अविचल है।
बाबा भोलेनाथ का दर्शन, मन में इच्छा हरपल है।
ज्ञान का वापी निर्मल होगा, खुशी से नंदी डोलेगा,
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

स्वर्णिम भारत की गर्दन पे, चली मुगलिया तलवारें,
तुष्टीकरण की राजनीति में, सिसक रही थी दीवारें।
रक्त बहाया था पुरखो ने, खून नया अब खौलेगा,
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

जाग-जाग हे भारतवंशी, जाग उठे अब विश्वनाथ,
छोड़ के मुरली कान्हा तुम भी, उठा सुदर्शन अपने हाथ।
यमुना दूषित करने वाले, कालिया का फन कुचलेगा।।
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

गंगा जमुनी करनेवालों, अब वक्त तुम्हारा आया है,
करो सत्य स्वीकार यही कि मन्दिर किसने ढाया है।
भाईचारा भाव दिखा, कब दाग वो सारे धोएगा?
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

जहाँ-जहाँ पे होगी खुदाई, वहीं पे मन्दिर निकलेगा।
मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।।

कवि पंकज प्रियम

1 Like · 143 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
कवि दीपक बवेजा
हकीकत उनमें नहीं कुछ
हकीकत उनमें नहीं कुछ
gurudeenverma198
#dr Arun Kumar shastri
#dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"ऊँची ऊँची परवाज़ - Flying High"
Sidhartha Mishra
कौन हूँ मैं ?
कौन हूँ मैं ?
पूनम झा 'प्रथमा'
अपनी पहचान
अपनी पहचान
Dr fauzia Naseem shad
गुजार दिया जो वक्त
गुजार दिया जो वक्त
Sangeeta Beniwal
जब से देखा है तुमको
जब से देखा है तुमको
Ram Krishan Rastogi
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
किसान की संवेदना
किसान की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
तंग जिंदगी
तंग जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
तेरे हम है
तेरे हम है
Dinesh Kumar Gangwar
बदी करने वाले भी
बदी करने वाले भी
Satish Srijan
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"सदियाँ गुजर गई"
Dr. Kishan tandon kranti
★मां का प्यार★
★मां का प्यार★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
■सियासी फार्मूला■
■सियासी फार्मूला■
*Author प्रणय प्रभात*
जो भूल गये हैं
जो भूल गये हैं
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
3199.*पूर्णिका*
3199.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे वश में नहीं है, तुम्हारी सजा मुकर्रर करना ।
मेरे वश में नहीं है, तुम्हारी सजा मुकर्रर करना ।
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
भोर अगर है जिंदगी,
भोर अगर है जिंदगी,
sushil sarna
जैसी नीयत, वैसी बरकत! ये सिर्फ एक लोकोक्ति ही नहीं है, ब्रह्
जैसी नीयत, वैसी बरकत! ये सिर्फ एक लोकोक्ति ही नहीं है, ब्रह्
विमला महरिया मौज
संघर्ष
संघर्ष
Sushil chauhan
एकांत में रहता हूँ बेशक
एकांत में रहता हूँ बेशक
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हरे भरे खेत
हरे भरे खेत
जगदीश लववंशी
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
"इस रोड के जैसे ही _
Rajesh vyas
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
Loading...