Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

भारत का गौरवगान सुनो

युगों – युगों से खड़ा हिमालय, युगों – युगों से गंगा बहती ।
त्याग, तपोवन भूमि यही है, भारत का गौरव – गान सुनो ।।

संस्कार की पृष्ठभूमि रच, विज्ञान सभी को समझाया ।
शून्य विश्व को देकर हमनें, फिर गणना करना सिखलाया ।
अभिमानी मस्तक उठते जब, तूणीरों का संधान सुनो ।।
भारत का गौरव – गान सुनो——

अध्यात्मिकता का ज्ञान प्राप्त कर, जीवन का सारांश बताया ।
भाषा, नीति, न्याय, दर्शन का, नित्य जगत को पाठ पढ़ाया ।
जब स्वाभिमान पर करे वार अरि, वीरों का फिर बलिदान सुनो ।।
भारत का गौरव – गान सुनो——

छः ऋतुओं से सजा देश यह, भिन्न – भिन्न है परिवेश यहाँ ।
यह राम – कृष्ण की जन्म – स्थली, ॠषि – मुनियों का उपदेश यहांँ ।
मानवता की सुधा पिलाकर, शिव – शंकर का विषपान सुनो ।।
भारत का गौरव – गान सुनो——

जाति – धर्म है पृथक – पृथक पर, एक सूत्र में बँधकर रहते ।
भक्ति, प्रेम, सौहार्द हृदय में, सदा सत्य की पूजा करते ।
और नहीं है जग में दूजा, इस जैसा हिन्दुस्तान सुनो ।।
भारत का गौरव – गान सुनो——

✍️अरविन्द त्रिवेदी
उन्नाव उ० प्र०

78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Arvind trivedi
View all
You may also like:
कनि कहियौ ने श्रीमान..!
कनि कहियौ ने श्रीमान..!
मनोज कर्ण
मन मेरा दर्पण
मन मेरा दर्पण
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ
आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ
Paras Nath Jha
जिदंगी हर कदम एक नयी जंग है,
जिदंगी हर कदम एक नयी जंग है,
Sunil Maheshwari
होने को अब जीवन की है शाम।
होने को अब जीवन की है शाम।
Anil Mishra Prahari
How can I forget
How can I forget
VINOD CHAUHAN
करवा चौथ पर एक गीत
करवा चौथ पर एक गीत
मधुसूदन गौतम
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागागा गागाल, ललल गागागा गागा। (14 वर्ण) अंकावली- 222 221, 111 222 22. पिंगल सूत्र- मगण तगण नगण मगण गुरु गुरु।
प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागागा गागाल, ललल गागागा गागा। (14 वर्ण) अंकावली- 222 221, 111 222 22. पिंगल सूत्र- मगण तगण नगण मगण गुरु गुरु।
Neelam Sharma
थकान...!!
थकान...!!
Ravi Betulwala
राम हमारे श्याम तुम्हारे
राम हमारे श्याम तुम्हारे
विशाल शुक्ल
"सही मायने में तो साथ देते हैं ll
पूर्वार्थ
LEAVE
LEAVE
SURYA PRAKASH SHARMA
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी शान है
punam lata
" सच "
Dr. Kishan tandon kranti
भरोसे का बना रहना
भरोसे का बना रहना
surenderpal vaidya
*आ गये हम दर तुम्हारे,दिल चुराने के लिए*
*आ गये हम दर तुम्हारे,दिल चुराने के लिए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
साथी है अब वेदना,
साथी है अब वेदना,
sushil sarna
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रार्थना
प्रार्थना
Shally Vij
4163.💐 *पूर्णिका* 💐
4163.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हमें अलग हो जाना चाहिए
हमें अलग हो जाना चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
..
..
*प्रणय*
सब्जी के दाम
सब्जी के दाम
Sushil Pandey
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
Madhuyanka Raj
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...