भारती-विश्व-भारती
भारती-विश्व-भारती
भारत- एक प्राचीन नाम, एक प्राचीन संस्कृति, एक प्राचीन देश, एक प्राचीन संदेश (भा=प्रकाश, ज्ञान में, रत=लगा हुआ)।
आज भारत- पुन: एक अर्वाचीन नाम, नवअवतीर्ण देश, अभ्युदय वेश,अदम्य परिवेश, अखिलविश्व में विशेष।
“भारत एक खोज” जी हॉ सही मायनों में आज भारत ने एक नव-भारत की, भव्य भारत की, दिव्य भारत की खोज कर ली है आज भारत ने फिर से अपनी शक्ति, सामर्थ्य, सम्मान, स्थान, आत्मा, औचित्य और उत्तरदायित्व को पहचानकर विश्व में एक नई पहचान बनाई है।
सदीयों से आपसी फूट, भेदभाव, कलह, बाहरी आक्रमणों और दासता के चलते भारत की आत्मा, गौरव-गरिमा, स्वाभिमान और शक्ति-सामर्थ्य सभी कुंद होते चले गए। एक सबल, सशक्त राष्ट्र की सारी शक्तिया कुचल गई। एक चहकती ‘सोने की चिड़िया’ सूनी चिड़िया बन कर रह गई।
लेकिन आज फिर वही भारत के भारतीयों ने समय के इस दुष्चक्र को ऐसे सुदर्शन चक्र में बदल दिया हो जो भारत की हर बाधा का नाश कर भारत को पुन: देदिप्यमान कर विश्व में स्थापित कर रहा है जो अब सारे विश्व को प्रकाशित, प्रभावित कर रहा है।
आज जब लोग यह कहते हैं कि 21वीं सदी भारत की है तो मैं कहता हूं आगे वाली सदिया भारत की ही है बस हमें बसुधैव कुटबंकम के साथ-साथ आगे बढ़ते रहना है।
भारत को जब अंग्रेजों ने परतंत्र बनाया था उस समय दुनिया के दर्जन से अधिक देशों में अंग्रेजों का राज था। सभी महाद्वीपों के किसी न किसी देश में अंग्रेजों का राज था इसलिए कहते थे कि अंग्रेजों के राज में सूरज नही छिपता था। सूरज तो नही छिपता था लेकिन अंग्रेजों का राज एक दिन जरूर छिप गया।
अंग्रेज इन उपनिवेश बनाए देशों में भारतीयों को मजदूरी, कृषि, व्यापार और अन्य कामों के लिए मजदूर बनाकर ले गए। लेकिन आज इन्ही प्रवासी भारतीयों की पीढ़ियॉ इन देशों में राज करने लग गई। आज यही प्रवासी भारतीय एक दर्जन से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष, शासक और बड़े पदों पर आसीन है या रह चुके है। बड़ी- बड़ी कंपनियां और संस्थाएं चला रहे है। जबकि इन देशों में कभी शासक रहे अंग्रेजों का कही अता-पता ही नही है। और तो छोड़ो आज ब्रिटेन में ही खुद भारतीय मूल के श्री ऋषि सुनक शासन कर रहे है। विश्व के सुपर पावर अमेरिका में भी कमला हैरीस, तुलसी गैबर्ड, बॉबी जिंदल, निक्की हेली जैसे अनेकों भारतीय सत्ता के महत्वाकांक्षी है और अभी आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में विवेक राममूर्ति एक सशक्त उम्मीदवार के रूप में उभर रहे हैं एक दिन दुनिया का सबसे पावरफुल देश अमेरिका का सबसे पावरफुल आदमी भी भारतीय ही होगा।
कहने का तात्पर्य यह है कि आज भारतीय जाग गए तो भारत जाग गया और भारत जाग गया तो भारतीय जाग गए और जब दोनों जाग गए तो दुनिया कैसे सोई रह सकती है अब तो चॉद-तारों को भी जगाने की बारी आ गई है जग कर ऑखें खोलने पर प्रकाश की जरूरत पड़ती है और वही प्रकाश भारत है क्योंकि भारत का अर्थ ही प्रकाशित करना है।
जय भारती। जय विश्व भारती ।।
-जीवनसवारो