भारतीय नारी शक्ति
परिचय में बस ये बोलूंगी
मैं भारत मां की बेटी हूं
पवित्र यज्ञ आहुति जैसी
शीतल चन्दन की वेदी हूं
संस्कृति और संस्कारो को
आंचल में अपने जड़ती हूं
समय के संग संग चलने का
दुस्साहस हर पल करती हूं
महादेवी की कलम हूं मैं
सुभद्रा की हुंकार हूं मैं
सावित्री बाई फुले के
अहवाहन की ललकार हूं मैं
रानी लक्ष्मी बाई बन के अधिकारों को पाया हैं
रानी हांडी वाली बन के देश प्रेम दिखलाया है
वीर शिवाजी के जैसे वीरों को कोख में पाला है
बन कटार शत्रु की छाती फाड़ के भी दिखलाया है
गार्गी,सीता, अरुंधती
के नीति धर्म की वाहक हूं
मां गंगा जल सी पावन हूं
मैं प्रेम के दीप की पावक हूं
मैं दुर्गा काली चंडी हूं
मैं सरस्वती मै लक्ष्मी हूं
अन्नपूर्णा बन पोषण करती
मैं सृष्टि धरा की अस्मी हूं
कोमलता यदि रूप में है तो सशक्तता इन आंखों में
रक्तों में अंगार भरा और चिंगारी है सांसों में
युद्ध भूमि में शौर्य भरी हुंकारों की मैं परचम हूं
तलवारों के टंकारो से गुंजित सी मैं सरगम हूं
अन्नपूर्णा गुप्ता सरगम
12/02/24