भाग्य की लकीरों में क्या रखा है
भाग्य की लकीरों में क्या रखा है
हाथ अपने उठा कर तो देख
झोली ना फैला उम्मीद ना रख
कभी खुदा से ना खुदा के बंदों से
मंजिल मिलेगी क्यों नहीं भला
दो कदम अपने बढ़ाकर तो देख
भाग्य की लकीरों में क्या रखा है
हाथ अपने उठा कर तो देख
झोली ना फैला उम्मीद ना रख
कभी खुदा से ना खुदा के बंदों से
मंजिल मिलेगी क्यों नहीं भला
दो कदम अपने बढ़ाकर तो देख