भाई मेरा गया आज —– घनाक्षरी
***भाई अनिल क्यों छोड़ गए***स्मृति शेष
भाई मेरा गया आज,निधि का सरताज।
तुझको जरा भी विधि ,तरस ना आया री।।
बेटे बेटी को रुलाया,आंसू सबको ही आया।
आया काल जो अकाल ,नयन बरसाया री।।
दोनों कवि भाई हम,आंखें आज मेरी नम।
बड़ा तगड़ा है गम,अनुज खो दिया री।।
बस यादों का सहारा,हारा है जीवन हारा।
घर किया बेसहारा,कुटुंब रो दिया री।।
**मेरी मौसी के ज्येष्ठ पुत्र मेरे अनुज शिक्षक कवि लेखक,अनिल व्यास के असमय चले जाने पर अश्रुपूर्ण प्रस्तुति।।””
???ओम शांति शांति शांति???
राजेश व्यास अनुनय