भाई दूज
लेकर थाली खड़ी अकेली,
मुझको गीत सुना जा ना l
भाई-बहिन का प्यार अनोखा,
फिर जग को बतला जा ना l
सात समुन्दर पार से भाई,
जब न घर आ पाया तो l
नभ के चन्दा नीचे आकर,
तू ही दूज करा जा ना l
(आप सभी को भाई दूज की हार्दिक शुभकामना)
– राजीव ‘प्रखर’
मुरादाबाद (उ. प्र.)
मो. 8941912642