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9 Nov 2018 · 1 min read

भाई दूज पर मुक्तक

रोली के रँगों में ही अहसास रँगे होंगे
अक्षत में दुआओं के भंडार भरे होंगे
गोले का शगुन भाई भाभी को दे बहनों ने
रेशम से बँधे रिश्ते मजबूत किये होंगे

डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 275 Views
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