भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान।
भाई घर की शान है, बहनों का अभिमान।
भाई में बसती सदा, हम बहनों की जान।।
रिश्ता भाई-बहन का, सबसे पावन जान।
इसके जैसा जगत में, मिले नहीं परमान।।
जब-जब जग में जनम लूँ, मिले तुम्हारा साथ।
दुनिया सारी नाप लूँ, लिए हाथ में हाथ।।
जुग-जुग तक जग में रहें, मुद-मंगल त्यौहार।
मन-मानस करते रहें, खुशियों की बौछार।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद