भवप्रीता भवानी अरज सुनियौ…
भवप्रीता भवानी अरज सुनियौ…
भवप्रीता भवानी अरज सुनियौ…
शैलपुत्री महारानी अरज सुनियौ,
हम पड़ल छी शरण, एक नजरि तकियौ…
भवप्रीता भवानी…
प्रथमं शैलपुत्री, द्वितीयं ब्रह्मचारिणी,
तृतीयं चंद्रघंटे, क्लेश हरियौ…
भवप्रीता भवानी…
कुष्मांडा चतुर्थे पंचम स्कंदमाता,
षष्ठम कात्यायनी, सुख समृद्धि दियौ…
भवप्रीता भवानी…
सप्तम कालरात्रि महागौरी अषटम् ,
नवम सिद्धिदात्री कल्याण करियौ…
भवप्रीता भवानी…
मौलिक एवम स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® निरुपमा कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०६/१०/२०२४ ,