भवन तेरा निराला
ऐ जगत जननी मेरी माता भवन तेरा निराला
फैली जग में तेरी ख़ुशबू ये चमन तेरा निराला
माँ तूने इक पल में महिषासुर को ऐसे मार फेंका
बैठी जिस तख़्ते पे वो सब से गगन तेरा निराला
आता जो भी तेरे दर पे कैसे कोई जाता ख़ाली
आस पूरी कर ले जिस की वो सजन तेरा निराला
तेरा साॅंचा दर है माई तीरगी ने मात खाई
झूम जाए सब का मनवा है भजन तेरा निराला
शिव भुजा से तू जो बरसे तो हो जाए सृष्टि जल-थल
जो अहम करता है वो देखे दमन तेरा निराला
ओ मेरी माँ,प्यास तेरे चरणों की बुझती नहीं है
अब नहीं छूटे तेरा द्वारा भवन तेरा निराला