Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2019 · 1 min read

भले ही जीतने की जंग अब भी जारी है

भले ही जीतने की जंग अब भी जारी है
मगर ये हार भी देखो कभी न हारी है

गुरूर मत करो शोहरत पे अपनी तुम इतना
ये चार दिन की ही मेहमान बस तुम्हारी है

नशा तो बोलता शोहरत का सर पे यूँ चढ़ के
उतरती मुश्किलों से इसकी फिर खुमारी है

सगी हुई नहीं शोहरत कभी किसी की भी
निभाई है न किसी से भी इसने यारी है

हँसों या रोओ यहाँ ‘अर्चना’ ये है मर्ज़ी
सभी को खेलनी पर ज़िन्दगी की पारी है

10-06-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

1 Like · 507 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

आकाश भर उजाला,मुट्ठी भरे सितारे
आकाश भर उजाला,मुट्ठी भरे सितारे
Shweta Soni
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
: कितनी प्यारी सहज सरल हो... ( हिन्दी दिवस पर )
: कितनी प्यारी सहज सरल हो... ( हिन्दी दिवस पर )
Avani Agrawal
विश्व गुरु भारत
विश्व गुरु भारत
डिजेन्द्र कुर्रे
अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ
अहसासे ग़मे हिज्र बढ़ाने के लिए आ
Sarfaraz Ahmed Aasee
अनकहे अल्फाज़
अनकहे अल्फाज़
Karuna Bhalla
■ निर्णय आपका...
■ निर्णय आपका...
*प्रणय*
बस तुमको बताना भूल गए
बस तुमको बताना भूल गए
Jyoti Roshni
अधूरे रह गये जो स्वप्न वो पूरे करेंगे
अधूरे रह गये जो स्वप्न वो पूरे करेंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
रसों में रस बनारस है !
रसों में रस बनारस है !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
पटरी
पटरी
संजीवनी गुप्ता
अभिव्यक्ति के प्रकार - भाग 03 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति के प्रकार - भाग 03 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
3193.*पूर्णिका*
3193.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं औपचारिक हूं,वास्तविकता नहीं हूं
मैं औपचारिक हूं,वास्तविकता नहीं हूं
Keshav kishor Kumar
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
.......*तु खुदकी खोज में निकल* ......
Naushaba Suriya
जीवन और रंग
जीवन और रंग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मेरी कलम आज बिल्कुल ही शांत है,
मेरी कलम आज बिल्कुल ही शांत है,
Ajit Kumar "Karn"
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
रंगो की रंगोली जैस दुनिया ,इस दुनिया के रंग में  मैं कुछ इस
रंगो की रंगोली जैस दुनिया ,इस दुनिया के रंग में मैं कुछ इस
Nitesh Chauhan
എന്നിലെ എന്നെ നീ നിന്നിലെ ഞാനാക്കി മാറ്റിയ നിനെയാനാണെനിക് എന
എന്നിലെ എന്നെ നീ നിന്നിലെ ഞാനാക്കി മാറ്റിയ നിനെയാനാണെനിക് എന
Sreeraj
वक़्त  बहुत  कम  है.....
वक़्त बहुत कम है.....
shabina. Naaz
बहुत गहरी थी रात
बहुत गहरी थी रात
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
The Magical Darkness
The Magical Darkness
Manisha Manjari
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
शाम वापसी का वादा, कोई कर नहीं सकता
Shreedhar
है बात मेरे दिल की दिल तुम पे ही आया है।
है बात मेरे दिल की दिल तुम पे ही आया है।
सत्य कुमार प्रेमी
संविधान दिवस
संविधान दिवस
जय लगन कुमार हैप्पी
टिमटिमाता समूह
टिमटिमाता समूह
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...