भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
यहां इक दूसरे का दर्द, दुःख और गम समझते हैं.
कहीं पर चोट लगती है तो मिट्टी बांध लेते हैं.
हम अपने देश की मिट्टी को ही मरहम समझते हैं.
भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
यहां इक दूसरे का दर्द, दुःख और गम समझते हैं.
कहीं पर चोट लगती है तो मिट्टी बांध लेते हैं.
हम अपने देश की मिट्टी को ही मरहम समझते हैं.