भले डगमगाओ /मगर पग बढ़ाओ
भले डगमगाओ
मगर पग बढ़ाओ
न छोड़ो ये हिम्मत
न आँसू बहाओ
करो सामना तुम
न नज़रें चुराओ
गमों में नहाकर
भी बस मुस्कुराओ
बहल जाएगा दिल
ग़ज़ल गीत गाओ
हँसेंगे ये आँसू
जरा मुस्कुराओ
कसौटी पे ये इश्क
न तुम आजमाओ
निभाओ ये रिश्ते
न जीतो हराओ
समय कीमती है
इसे मत गवाओ
मिलो ‘अर्चना’ से
हँसों और हँसाओ
10-4 -2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद