भरो रंग प्यार के
मिटाना हैं सभी तकरार होली में
यह बातें हैं बहुत बेकार होली में
गले हमने मिलाए खूब होली पर
मिलाओ दिल सभी इस बार होली में
मुसलमां और हिंदू सिख यह ईसाई
करें सब प्यार की बौछार होली में
दिलों में नफरतें रहने न पाएं अब
मिलो कुछ यूं सभी इस बार होली में
नहीं है बैर अब, दिल से मिले है सब
सभी सपने हुए साकार होली में
मिलो ऐसे बने इक प्यार का भारत
जला दें नफरतें इस बार होली में
दिलों को जोड़ना मज़हब हमारा है
पढ़ाते हैं तुम्हें हर बार होली में
जो नफरत के हमेशा बीज बोती है
जला दो ऐसी हर सरकार होली में
भरे हैं रंग सबने प्यार के ‘अरशद’
फजा होने लगी गुलजार होली में