भरोसे का बना रहना
मुक्तक
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जरूरी जिन्दगी में है भरोसे का बना रहना।
हमेशा बादलों सा नित्य रिश्तों का घना रहना।
कभी विश्वास टूटे ही नहीं यह ध्यान रखें हम।
मिटाकर फासले सारे सभी से सामना रहना।
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गहन आस्था लिए श्रीराम में आगे बढ़े हैं हम।
असीमित कष्ट सहकर भी नहीं विश्वास होता कम।
बना है भव्य मंदिर जब विराजे राम हैं इसमें।
सुपावन सा अलौकिक विश्व में यह स्थान है अनुपम।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य