भरोसा
जिन लोगों पर हम आँखें बंद करके भरोसा
करतें हैं, ज्यादातर वहीं लोग हमारी आँखें
खोल देते हैं…..
भरोसा और प्यार दो ऐसी चिजें हैं, जिसमे से
एक भी उड़ जाए दुसरा अपने आप उड़
जाता हैं………
भरोसा स्टिकर जैसा होता है, दुसरी बार
पहले जैसा नहीं बैठता हैं…..
काच की तरह होता हैं, अगर एक बार टुट
जाए तो फिर से जुड़ना मुश्किल होता हैं…….
भरोसा करना बहोत आसान है, पर किसी के
भरोसे को जोडे़ रखना बहोत मुश्किल हैं…….
भरोसा नाम का पंछी एक बार उड़ गया तो वो
किसी के मन की डाली पर पहले जैसे नहीं
बैठ सकता, क्यों की
भरोसा माँगने से नहीं मिलता,
उसे कमाना पड़ता हैं……
आप बस इस बात पर भरोसा करें कि,
आप अगर किसी का अच्छा कर रहें हैं,
तो यकीनन आपके लिये कहीं ना कहीं
कुछ अच्छा हो रहा हैं…..