भरें भंडार
🙏
!! श्रीं !!
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
🦚
भरें भंडार
००००००००
दीप आशा के जलायें दूर ये अँधियार हो ।
सुरसरी के नीर सा पावन दिलों में प्यार हो ।।1
०
हर तरफ फैले अँधेरे देख कर भी मौन हैं ।
चीर दें तम का कलेजा एक ऐसा वार हो।।2
०
द्वेष के बिखरे पड़े हैं हर तरफ काँटे यहाँ ।
बीन लें चुन-चुन उन्हें पथ में न कोई खार हो ।।3
०
मौन कलियाँ टूट जातीं खिल न पातीं डाल पर ।
अब नहीं इतना घिनौना यूँ कहीं व्यवहार हो ।।4
०
पूछता हूँ क्या सुरक्षित है यहाँ कोई कली ?
डाल के दिल में न किंचित भी कली का भार हो ।।5
०
बीज किसने फूट के बोये पता हमको नहीं ।
भाइयों का एक आँगन क्यों खड़ी दीवार हो ।।6
०
ऋद्धि आये सिद्धि पायें पर्व दीपों का मने ।
‘ज्योति’ की है कामना सबका भरा भंडार हो ।।7
०
-महेश जैन ‘ज्योति’
मथुरा ।
***
💥💥💥