भरी भरी जेब, भरा भरा एब l
भरी भरी जेब,
भरा भरा एब l
इधर उधर सहज,
फरेब फरेब ll
अबके इश्क में,
सहज कटे जेब l
पैर सुंदर हो,
पहन पायजेब ll
हर कोई पढ़े है,
बेशर्म कतेब l
कैसा साहित्य,
है ओरंगजेब ll
क्या क्या दिखाने,
गोरी पहने तंजेब l
रहम रह्म्म रहम ,
प्यास साहेब ll
अरविन्द व्यास “प्यास”