भरम
कुछ तुम्हारा भरम, हमने रहने दिया।
सबको कहना था जो, हमने कहने दिया।।
ज़हन की बात, हमने सुनी ही नहीं,
दिल को सहना था और हमने सहने दिया।।
-मोहन
कुछ तुम्हारा भरम, हमने रहने दिया।
सबको कहना था जो, हमने कहने दिया।।
ज़हन की बात, हमने सुनी ही नहीं,
दिल को सहना था और हमने सहने दिया।।
-मोहन