भरम
कुछ भरम पाल रखे हैं, टूट जाएँ तो अच्छा है।
अपने पराये पाल रखे हैं, छूट जाएँ तो अच्छा है।
जिन्हें तुम्हारी परवाह नहीं ‘केसर’
वे कभी कभी रूठ जाएँ तो अच्छा है।
कुछ भरम पाल रखे हैं, टूट जाएँ तो अच्छा है।
अपने पराये पाल रखे हैं, छूट जाएँ तो अच्छा है।
जिन्हें तुम्हारी परवाह नहीं ‘केसर’
वे कभी कभी रूठ जाएँ तो अच्छा है।