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29 May 2024 · 1 min read

भय

जब एक अजन्मी बेटी ने अपने स्वागत में गलियां गलियां खाई
एकाएक घर में होने लगी लड़ाई
तब एक सुकोमल ने अपने हृदय पर पत्थर रख लिया

सोचा पितृ गोद में खेलने का आज अवसर मिल गया
किन्तु घृणित दृष्टि से सम्पूर्ण ब्रह्मांड हिल गया
तब एक अभागी ने अपने हृदय पर पत्थर रख लिया

जमाने के भेड़ि‌यों ने सहसा उसे शिकार बनाया
बेदर्द दुनिया ने शिकार पर जब इल्जाम लगाया
तब एक असहाय ने अपने हृदय पर पत्थर रख लिया

सोचा सृष्टि के पन्नों में लिखूँ अपना नाम !
“सुख सुविधा” ले कर आना प्राप्त हुआ पैगाम
तब एक याचिका ने अपने हृदय पर पत्थर रख लिया

और जब बनी वो ‘माँ’ प्रसव कक्ष में लेटी है
भयसंलिप्त है, घृत प्रभावित, क्यूं कि गोद में उसके बेटी है
गर्वित उस सहमी ममता ने अपने हृदय पर पत्थर रख लिया ।।

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