भय
लोग इस तरह से डरे हुए हैं,
आंख सूखी दिल भरे हुए हैं,
रौशनी कुछ जियादा ना हो,
अंधेरे तरतीब से धरे हुए हैं,
तुम सुकरात बन भी जाओ,
कौन सुनेगा सब मरे हुए हैं,
इरादे तो कोई नहीं हैं अपने,
पर इरादों से लोग बड़े हुए हैं
लोग इस तरह से डरे हुए हैं,
आंख सूखी दिल भरे हुए हैं,
रौशनी कुछ जियादा ना हो,
अंधेरे तरतीब से धरे हुए हैं,
तुम सुकरात बन भी जाओ,
कौन सुनेगा सब मरे हुए हैं,
इरादे तो कोई नहीं हैं अपने,
पर इरादों से लोग बड़े हुए हैं