Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2021 · 1 min read

*भटका राही* 

डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक अरुण अतृप्त

भटका राही
आस लिए निकला था घर से
राह गया हुँ भूल
पेट पीठ से चिपक रहा है
तेज लग रही धूप
रोजी रोटी ने मुझको तो
दर दर है भट्काया
काम मिला न कोई अभी तक
प्रभु ये कैसी माया
देख देख संसार की रौनक
आँख मेरी चुन्धियाई
फूटी दमडी पास नही है
तिस पर ये महंगाई
डोलत डोलत साँझ हुइ अब
किस दर जाऊँ रे
कौन सुनेगा अरज बाबरे
पानी पी सो जाऊँ
आस लिए निकला था घर से
राह गया हुँ भूल
पेट पीठ से चिपक रहा है
तेज लग रही धूप
उससे मागुं इससे मागुं
भीख नहीं जो सबसे मांगु
काम मिलेगा कोई भैय्या
इतनी सी हैं अरज रे भैय्या
आस लिए निकला था घर से
राह गया हुँ भूल
पेट पीठ से चिपक रहा है
तेज लग रही धूप
मरते मरते मर जाना है
हम मजदूरों का तो रोज कमाना है
सुबह हुइ तो काम पे निक्ले
साँझ ढले फिर घर आना है
घर भी कैसा घर भी किसका
घास फूस बस यही ठिकाना हैं
आस लिए निकला था घर से
राह गया हुँ भूल
पेट पीठ से चिपक रहा है
तेज लग रही धूप

1 Like · 1 Comment · 413 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
अब नहीं घूमता
अब नहीं घूमता
Shweta Soni
ਕਦਮਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ
ਕਦਮਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ
Surinder blackpen
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
मनोज कर्ण
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
सत्य कुमार प्रेमी
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
कुछ अपने रूठे,कुछ सपने टूटे,कुछ ख़्वाब अधूरे रहे गए,
Vishal babu (vishu)
THE B COMPANY
THE B COMPANY
Dhriti Mishra
मान बुजुर्गों की भी बातें
मान बुजुर्गों की भी बातें
Chunnu Lal Gupta
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
मेरी सच्चाई को बकवास समझती है
Keshav kishor Kumar
कदमों में बिखर जाए।
कदमों में बिखर जाए।
लक्ष्मी सिंह
बदल जाओ या बदलना सीखो
बदल जाओ या बदलना सीखो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2823. *पूर्णिका*
2823. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
🙅न्यूज़ ऑफ द वीक🙅
🙅न्यूज़ ऑफ द वीक🙅
*Author प्रणय प्रभात*
हरि लापता है, ख़ुदा लापता है
हरि लापता है, ख़ुदा लापता है
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
20, 🌻बसन्त पंचमी🌻
20, 🌻बसन्त पंचमी🌻
Dr Shweta sood
विश्वास
विश्वास
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
संभावना
संभावना
Ajay Mishra
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मातृ दिवस पर विशेष
मातृ दिवस पर विशेष
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गज़रा
गज़रा
Alok Saxena
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
रामभक्त हनुमान
रामभक्त हनुमान
Seema gupta,Alwar
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर भी जीवन कलरव है।
Neelam Sharma
घर जला दिए किसी की बस्तियां जली
घर जला दिए किसी की बस्तियां जली
कृष्णकांत गुर्जर
"आईना"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल धोखे में है
दिल धोखे में है
शेखर सिंह
मतला
मतला
Anis Shah
थक गये चौकीदार
थक गये चौकीदार
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
Loading...