भजन है जीवन भर का सार
आध्यात्मिक कविता
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भजन है जीवन भर का सार
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भजन है जीवन भर का सार।
नाना भाँति बिषयों में फँसकर
जीवन मत ये बिगार।।भजन…
छोड़ सभी कुछ भजन तू करले,
अनमोल रतन से झोली भरले।
हरि भजन की माला लेकर जीवन को तू संभार।।भजन….
आलस में कब तक खोएगा,
जन्मों का मैला ढोएगा।
हरे राम का हरदम बन्दे करले खूब प्रचार ।। भजन है……….
आसक्ति और मोह भगादे,
अपने को भक्ति में लगा दे।
कर्म फलों को जन्मान्तर के लिए मत कर तू उधार ।।भजन
जीवन का तू सार समझ ले,
जीवन का आधार समझ ले।
ऐसे न लुटा अनमोल रतन तू जैसे लुटाये गँवार।।भजन …………
भजन से सब संताप मिटेंगे,
खुशियों के सब कमल खिलेंगे।
पशुवत् नासमझी में पड़ तू मत बना जीवन भार।।भजन है…..
ईश्वर की तुझे कृपा मिलेगी ,
सुख सम्पत्ति खूब फलेगी।
ईश्वर के हाथों में होगी तेरे जीवन की पतवार ।।भजन….
जीवन में असहाय जब होगा ,
कोई न तेरा सहाय तब होगा ।
जन्म-जन्मान्तर के लिए ईश्वर बनेगा तेरा मददगार ।।भजन…
परिवारी जन जब उपेक्षा करेगें,
संसारी जन जब परीक्षा करेंगे। जब सब करेंगे तिरस्कार तब ईश्वर करेगा प्यार ।।भजन……
मुख में जिसके राम नहीं है,
जिनको भजन का काम नहीं है।
उन मूरख अज्ञानी जन के जीवन को धिक्कार ।।भजन…
काम क्रोध लोभ मोह छोड़ दे,
हरि भजनों की ओर मोड़ दे।
हरि का भजन सबकी करेगा जीवन नैया पार।।भजन……
सबसे सुन्दर सबसे पावन,
हरि भजन सबसे मनभावन।
सब द्वारों में सबसे पावन श्री हरी का द्वार।।भजन है….
सबसे कठिन नर देह मिली है,
करले भजन ये सबसे भली है। भजन विना नर फिर न बनेगा मत कर इसे बेकार ।।भजन….
हरि भजन से सारे काम बनेगें,
हरि असम्भव काम करेंगे ।
करि विश्वास भजन से होगा तेरा भी उद्धार ।।भजन है…….
हरि भजन का सहारा लेले,
कष्टों से तू किनारा लेले।
हरि अबलम्बन से ही होगा तेरा भी उपकार ।।भजन है ……..
तन मन हरि को करदे अर्पित,
जीवन धन सर्बश्व समर्पित ।
नरसी मीराबाई का भी हो गया बेडा पार ।।
भजन है जीवन भर का सार।
हरि सेवक -डाँ0 तेज स्वरूप भारद्वाज