भगवान
भगवान
मैं परसों भगवान से मिला
जो अर्द्ध नग्न अवस्था में था
और रिक्शा खींच रहा था
मैं भगवान से बोला भगवान
यह आपकी क्या दशा है
भगवान ने कहा
मेरे दो छोटे छोटे बच्चे है
जो पढ़ते हैं
पेट पालने का सवाल है
पेट खड्डा भी भरना पड़ता है
इसके लिए मुझे पूरे दिन रिक्शा खींचनी पड़ती है
तब जाकर शाम को
अपने बच्चों का पेट भर पाता हूं
अपनी दियाड़ी मज़दूरी करके गुज़ारा चलाता हूं
मेरा नाम भगवान है लेकिन
मैं एक गरीब बेसहारा और निर्बल व्यक्ति हूं
झुग्गी झोपड़ी में रहने वाला
मैं भगवान हूं
मैं भगवान हूं ।
©
खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड़ तहसील गोहाना
जिला सोनीपत हरियाणा
9671504409