भगवान हमारे पापा हैं
हम सबकी उम्मीदों का भोर हमारे पापा हैं
सूरज की पहली किरणों का शोर हमारे पापा हैं,
पहले नींव डली, घर बना फिर छत लगी और छांव हुई
घर की एक – एक बुनती के औजार हमारे पापा हैं,
घर के आंगन का पौधा जो छांव सहित फल देता हैं
वो मीठी सी निंबोली वाले नीम हमारे पापा हैं,
रिश्ते- नाते,जिम्मेदारी उनके दम से उनसे ही घर बार चले
इज्जत,शोहरत,रुतबा सब कुछ अभिमान हमारे पापा हैं,
वो ताकत हैं वो दौलत हैं वो हिम्मत हैं अंधीयारों में
अच्छे कर्मों के फल का वरदान हमारे पापा हैं,
दिल की धड़कन, सबकी जान प्यारी सी इस दुनियां में
इस दिल के मंदिर में बैठे भगवान हमारे पापा हैं ll
लकी राजेश खेदड़
(हिसार, हरियाणा)